भास्कर संपादकीय: असम में उठे नागरिकता के सवाल का जवाब आसान नहीं

असम में 40 लाख लोगों का राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर(एनआरसी) के अंतिम मसौदे से बाहर होना इंसानियत और राष्ट्रीयता के बीच गंभीर समस्या का उपस्थित होना है। केंद्र और राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा और उसकी सरकार ने यह साबित करने की कोशिश की है कि जो काम मुस्लिम वोट बैंक के चलते कांग्रेस सरकार टाल रही थी उसे उसने कर दिखाया। दूसरी ओर इसके पश्चिम बंगाल और देश के अन्य हिस्सों में पड़ने वाले प्रभाव को देखते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और दूसरे विपक्षी नेताओं ने सरकार पर पक्षपात का आरोप लगाया है और इसे संवेदनशील मानवीय तरीके से हल करने की मांग की है।

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